Sanjay Mishrai Biography Hind संजय मिश्रा की
हँसता है एक बहुत ही अनोखी
कलाकार की जिसने बहुत छोटी शुरुआत की लेकिन आज की तारीख में बन गया ये भारतीय सिनेमा जगत का सबसे मशहूर सितारों. में से एक नाम है इनका संजय मिश्रा सेट हाय हाय हाय हाय क्यों शारजाह है ये उस .परिवार में जन्मे जहाँ से सभी लोग सरकारी दफ्तरों में कार्यरत थे,
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Sanjay Mishrai Biography Hind संजय मिश्रा की |
इनके पिता मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग के लिए काम किया करते थे. इनके दादाजी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट थे ये, चार भाई बहनों में सबसे बड़े रहे इनके पिता की संगीत और साहित्य में खासी रुचि थी उसका भी असर इनपे आया और उनकी दादी अक्सर पटना रेडियो स्टेशन पर अपने घर ओके कार्यक्रम पेश किया करती
Sanjay Mishrai Biography Hindi
थीं संजय मिश्रा पर बचपन से ही अपनी दादी का असर काफी रहा और बात है पढ़ाई लिखाई नहीं हैं बिल्कुल अच्छे नहीं थे, और उनके पिता हर बार सोचते हैं कि न जाने मेरा बड़ा लड़का क्या करेगा,ये तो दस वीं कक्षा में दो बार फ़ैल हो गए थे. जब मात्र नौ वर्ष के थे तब इनका परिवार बनारस शिफ्ट हो गया पढ़ाई लिखाई हुई केंद्रीय विद्यालय बीएचयू में उसके बाद संजय मिश्रा ने कहा कि मैं.अभिनय में अपना करियर बनाना चाहता हूँ ना स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला मिला बेल बॉन्ड उन्होंने बहुत छोटी शुरुआत करें हालांकि ये एक प्रशिक्षित अभिनेता रहे सन् उन्नीस सौ इक्यानवे में महानायक अमिताभ बच्चन के साथ उन्होंने एक आज काम किया जहाँ एक तरफ प्यारी शुरुआत अच्छी की और उसके बाद चाणक्य सीरियल में भी
उन्हें काम मिला लेकिन पहले दिन से समझ गए कि ऐक्टिंग इतनी आसान नहीं है, तकरीबन अट्ठाईस रीटेक लिए उन्होंने एक सीन के खाते है इनकी रिलीज फ़िल्म नहीं वो डालेंगे हैं इंडिया जैसा उन्नीस सौ पचानवे की बात है इस फ़िल्म में उन्होंने एक बहुत ही अदना सा किरदार निभाया था, जो कि हारमोनियम बजाया करता था तब किसी को भी अंदाजा नहीं था,कि एक दिन संजय मिश्रा वो नाम बना ले एक लोग बड़े मनोरंजक होंगे और उनकी परफॉर्मेंस से जी भर के तालियां बजाएंगे सन् उन्नीस सौ इक्यानवे में ही यहाँ आए थे, मुम्बई लेकिन उनकी शक्ल सूरत को देखकर यह बताना कठिन था,
कि ये किस कैटेगरी के एक्टर बनेंगे कॉमेडियन बनेंगे विलेन बनेंगे या फिर रोकता बीएसपी के साथ पार्टी तक मानसून जानें इन्हें टेलीविजन सीरियल में काम किया. सन् उन्नीस सौ इक्यानवे से लेकर सन् उन्नीस सौ निन्यानवे तक उन्होंने फ़िल्म मेकिंग के हर फील्ड में काम किया.चाहे वो लाइटिंग नहीं आर्डिनेशन या फिर कैमरा बहुत ये फोटोग्राफी करके कुछ पैसे कमा लिया करते थे, और बड़ा भाव खा कर उन्होंने मुंबई शहर में अपना संघर्ष जारी रखा सी बीच यह एक बहुत बड़ा सीरियल मिला, फिश फेस जिसमें उनके साथ पंकज कपूर बाबा जैसे दिग्गज कलाकार थे लड़का बहुत खुशी है थोड़ा बहुत पैसा कमाने लगे थे, और फ़िल्म इंडस्ट्री में हल्का फुल्का नाम होने लगा था तभी पता चला कि ये बहुत बीमार है ये हॉस्पिटलाइज़ हुए डॉ,