Asrani Biography in Hindi | असरानी जीवनी | Asrani birth date
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Asrani Biography in Hindi
मेरा भर गयी धीरे यह है जबरदस्त अभिनय था कॉमेडी होगी जज्बा आज हर किरदार निभाया उन्होंने यह महफिल ये है अंग्रेजों के जमाने के जेलर की कहानी और हमारे विचार के हीरो हैं गोवर्धन असरानी सात बच्चन है एक जनवरी सालों से राजस्थान के जयपुर शहर में हुआ पूरा नाम गोवर्धन स्थान बनाना आना गुरु तुमने किया जब भारत का बंटवारा हुआ था तब इनके पिता जयपुर नहीं सकती हो गए और वहाँ पर कार्यों की एक दुकान
लगायी आसानी साहब की चार बहनें और दिन गाय को रिझाने का आजकल की कमी ख़राब करती बेचारी युद्ध घर के बाकी लोग घर के बिज़नेस की तरफ तवज्जो देते हैं और आसानी से हाथ का मन कहीं और था पढ़ाई में भी इनकी दिलचस्पी नहीं थी मैथेमेटिक्स में तो यह बहुत ही कमजोर थे और कह रखा है अठारह इंच अट्ठाईस नौ दो ग्यारह ग्यारह सात अठारह आठ फीसदी तक छठी जीत हासिल उनसे भी स्कूल से मैट्रिक पास की और उसके
बाद राजस्थान कॉलेज जयपुर से भोजन के साथ साथ अजनी साहब ऑल इंडिया रेडियो जयपुर के लिए भी बताओ बस और आप इस काम करते हैं लाहौल बिला कूबत ज्यादा कदम उठा लिया अब नमक हलाल तो करनी पड़ेगी ना की सलाह इनकी थोड़ी सी कमाई होती है और अपनी पढ़ाई का खर्च उठा पाते लेकिन मन में अरमान थे कि एक दिन को अभिनेता पर नौकरी के बाद नक्सलियों के साथ इंसाफ के रास्ते में मेरी नौकरी आँखें
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तो अभी मैं अपनी नौकरी से इस्तीफा देता उन के बीच साहित्य कल भाई ठक्कर से उन्होंने अपने सीखा और उसके बाद मुंबई आ गए या आप पाठ करने लायक है आँखों का तारा हुआ दस साल हो गया नहीं आता तो राशन कार्ड दिखाए नौ साल पुराना है यहाँ पे त भाषण की मुलाकात छोड़ता हूँ और ऋषिकेश मुखर्जी से हुई जिन्होंने उनसे कहा कि तुम क्यों नहीं विधिवत तरीके से अपनी सीखते लिहाजा असरानी साहब ने फ़िल्म
लिबरैशन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे की तरफ रुख किया उनमें से लेकर सियासत तक अपना कोर्स पूरा किया और फिर सोचा कि अब फिल्मों में खुद आ जायेगा क्या नहीं ज़ोर से बोल मैं उनसे नहीं उठा बोला मैने उनके सामने खड़ा होगा कह दिया की फ़िल्म हरे कांच की चूडियां में इन्हें किरदार निभाने के लिए दिया गया जब वर्ष भी था जब उन्होंने एक गुजराती फ़िल्म में बतौर हीरो काम किया से गंजे पैमाने चलाएं आपरेशन उपचार और
असरानी जीवनी
विमान जोड़ी ने राइस रवि मान जो राजा रावण में पढ़ रहे हो तो स्थायी सूरज रजक रानी फिल्मों में काफी सक्रिय रहेंगी छोटी पटाखे बेचे तो तू आँखों पटा मैं भूल गयी लेकिन वो मज़ा नहीं आ रहा था अपनों से बदलने लगा और दूसरों से उधार लेकर वक्त वापस ले लिया था शर्मा