Anupam Kher Biography | Anupam kher biography | Autobiography of anupam

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Anupam Kher Biography | Anupam kher biography | Autobiography of anupam kher 

सभी में उन्हें महारत हासिल है हम बात कर रहे हैं महान अभिनेता अनुपम खेर कि निर्माण की बात नहीं होती है तो आपको देखती देखती थी हाँ क्या बात कर रही हूँ मैं तो आपकी नैनो की शिकार हो गयी मुझे देखना बंद हो

गया है तुम मेरे हो लेकिन नहीं तो मेरेको नहीं तो मेरे अनुपम खेर का जन्म शिमला में हुआ तारीख सात मार्च सन् पचपन इनके पिता पुष्कर नाथ किए और इसके बाद में क्लब है और उनकी माँ जिनका नाम दुलारी रहा वो घर

की देखरेख कि आप प्रतिलिपि मूवी वैरी गुड लिए अनुपम खेर एक संयुक्त परिवार में रहा करते थे चाचा चाची या फिर सारे संस कुल मिलाकर ग्यारह सदस्य थे इनके परिवार में उनके पिता को मात्र नब्बे रुपये मिला करते थे

प्रतिभा चुकी उनके पिता की कमाई ज्यादा अच्छी नहीं थी और सदस्य परिवार में बढ़ते जा रहे थे इसलिए उनकी माँ ने अपने स्वर्ण आभूषण बेचती हैं परिवार में कितने ही मफलर से क्यों न रही हो पर अनुपम खेर को उनका

जेबखर्च मिल जाया करता था और वह था दस पैसे प्रतिमा तुम्हे तो पता ही होगा कि एलेक्स मीटिंग में का खिलाना हमला हुआ था जिसमें बस अपना बच्चा खो बैठे बहुत कम थे उस समय बहुत था सपने देखने के लिए और सपनों Anupam Kher Biography

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को जगाने के लिए उनकी जिंदगी में दो फ़िल्म जाय एक रही उपकार और दूसरी दिल एक मंदिर है पांचवी कक्षा
 तक अनुपम खेर लेडी इरविन स्कूल में पढ़ाई और बचपन से ही ये अपने टीचर की नकल उतारा करते थे हाँ

समझ गया नाचनेवाले गाने वाले मालिश करनेवाले दबाने वाले बाल बनाने वाले बाल काटने वाले कपड़े पहनाने वाले एक कपड़े उतारने वाले अरे बस चुटकी भर जाता हूँ और अब इंतज़ार कर के आता हूँ कॉलेज के दिनों में

अनुपम खेर का व्यक्तित्व सबसे जादू कर देता था क्योंकि ग्रेजुएशन मिस्ट्री में हुई नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जाने से पहले अनुपम खेर ने अपनी माँ के मंदिर से पैसे चुराए थे अरे ये क्या कह रहे हो तुम ने सुप्रीम कोर्ट के जज

कितना फैसला सुना दिया फ़ूड वो मेरा स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही उन्हें एक्टिंग का शौक चढ़ गया था और तभी उन्होंने अख़बार में एक विज्ञापन देखा जिसमें एक्टिंग कोर्स का जिक्र था और इस चीज़ के लिए उन्हें सौ

रुपयों की जरूरत थी पर यदि मान भी अपने पिता के सामने नहीं रख सकते थे और बस अनुभव खेलने मंदिर से पैसे चुराने का फैसला किया और अपने से कहा कि मैं तो भगवान विष्णु की नकल कर रहा हूँ वह माखन चुराते थे और मैंAnupam Kher Biography


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