धीरुभाई अंबानी की जीवन कहानी Dhirubhai Ambani’s success story धीरूभाई अंबानी की सफलता की कहानी

धीरुभाई अंबानी की जीवन कहानी Dhirubhai Ambani’s success story धीरूभाई अंबानी की सफलता की कहानी

धीरुभाई अंबानी की जीवन कहानी Dhirubhai Ambani's success story धीरूभाई अंबानी की सफलता की कहानी
धीरुभाई अंबानी की जीवन कहानी Dhirubhai Ambani’s success story धीरूभाई अंबानी की सफलता की कहानी

बड़ा सोचो तेजी से सोचो आगे की सोचो कल्पना पर किसी का एकाधिकार नहीं होता ऐसा कहना है बाहर जैसे इरादे वाले धीरजलाल हीराचंद अंबानी ने हमारे सबके चाहिते धीरू भाई अम्बानी का यू भाई अंबानी का जन्म दिसंबर को गुजरात के जूनागढ़ जिले के गांव में एक बया थैली में हुआ उनके पिता हीराचंद अंबानी एकाध पॉप थे

और माँ हाउस वाइफ थीं मुंबई को दो भाई और दो बहने थी बचपन से ही धीरूभाई को खुद के दम पर कुछ कर गुज़रने की तमन्ना थी बचपन में स्कूल के बाद दुबई में कपड़े बेचने का बिज़नेस शुरू किया उनका कहना था पैसा कमाने के लिए आपको किसी के निमंत्रण की जरूरत होती है अपने स्कूल के पास साल खत्म करने के बाद

 वो आगे की पढ़ाई के लिए चुना कर चले गए वैसे पढ़ाई में दुबई ज्यादा तेज़ तो है पर चुना गिर जाने के बाद उनके नेतृत्व में और आत्मविश्वास पहली बार दिखाई दिया जूनागढ़ का नवाब स्वतंत्र भारत में फ़िल्म होने के लिए तैयार नहीं था इसलिए उसके ख़िलाफ़ आंदोलन चल रहा था उस आंदोलन में निर्भय इस साल या यूरोप के और

ग्रेजुएशन स्किल और भाषण से प्रजामंडल बेहद खुश हुआ इस आंदोलन के बाद चुनाव स्वतंत्र भारत का हिस्सा बन गया राजकारण समाजकारण की तरफ आकर्षित हुए सोलह साल के थे वहीं अब इंडस्ट्री के माध्यम से इंडिया को प्रदर्शित और सुपरपावर बनने का सपना देखने लगे पिताजी अध्यापक होने से बहुत दुबई का मन पढ़ाई में नहीं था मैट्रिक खत्म होने के बाद धीरूभाई ने पढ़ाई को अलविदा कहा उनके पिता की तबियत ख़राब

हुई तो घर में इकनॉमिक प्रॉब्लम्स शुरू हुई इसलिए धीरूभाई अंबानी ने शुरू में एक पेट्रोल पंप पर काम किया और बाद में और पैसे कमाने के लिए वो आयरन चले गए जबकि दुनिया सबसे बेस्ट स्पोर्ट था वह गुरुवार को एक ट्रेनिंग कंपनी में क्लर्क की नौकरी मिली है इस संधि का जुलाई में अच्छा इस्तेमाल किया और फॉर्मल एजुकेशन

छोड़ने के बाद ही सीखना शुरु रखा अपने काम को अच्छे से करने के साथ ही धीरूभाई ने वहाँ पे कमोडिटी ट्रेनिंग इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बोल फ़िल्म चेन्नई जी सिलसिला डिस्ट्रिब्यूशन मार्केटिंग की साड़ी चीज़ें सीखी दुनिया के अलग अलग देशों के लोगों से उन्होंने करण से ट्रेनिंग बुक कीपिंग थकावट और लीगल डॉक्यूमेंट स्टार्टिंग भी

सीख लिया नाइनटीन फिफ्टी फोर में वीरू भाई अम्बानी की शादी कोकिलाबेन से हो गई आयरन में उनका अच्छा काम देखकर कम्पनी के इतने उनका प्रमोशन सेल और रिफाइनरी में कर दिया वहाँ पर उन्होंने फाइटिंग सीरिया अब धीरूभाई अंबानी ने एक नया सपना देखा खुद की आय के फाइनल बनाने का सपना नीरू बाई

पानी का मानना था कि अगर आप सपनों को देखेंगे तभी उन्हें पूरा कर पाएंगे दस साल आय में काम करने के बाद रूबी अपने देखे हुए सपनों को पूरा करने के लिए इंडिया वापस आ गया है उन्हें खुद की और देश की कुछ तरक्की करनी थी लेकिन फिफ्टी ऐट में जब दुबई अंबानी इंडिया वापस आये तब उनके पास सिर्फ पांच सौ रुपए थे हालांकि उस जमाने में वास्तव में बहुत बड़ी रकम की पर एक बड़ा बिज़नेस खड़ा करने के लिए

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